पद्म पुरस्कार 2023: आपको जानकर अति प्रसन्नता होगी कि बुधवार को कुल 53 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
लेकिन इन पुरस्कारों को दिए जाने के दौरान एक व्यक्ति चर्चा में बने हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी वार्ता चर्चा का विषय बनी हुई है।
हम शाह रशीद अहमद कादरी की बात कर रहे हैं। शाह रशीद अहमद कादरी को द्रोपदी मुर्मू ने बुधवार को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया।
इसके बाद शाह रशीद अहमद कादरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह पुरस्कार मुझे देकर मुझे गलत साबित कर दिया है।
उन्होंने अपने इस बड़े बयान में आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान मैंने इस पुरस्कार को पाने का बहुत प्रयास किया लेकिन यह पुरस्कार मुझे नहीं मिल पाया।
इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी सरकार आने के बाद मुझे लगा कि यह पुरस्कार अब मुझे नहीं मिल सकता और मैं इससे वंचित ही रह जाऊंगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह पुरस्कार मुझे देखकर मुझे गलत साबित कर दिया है।
शाह रशीद अहमद कादरी कौन हैं?
शाह रशीद अहमद कादरी एक जाने-माने प्रमुख शिल्पकार हैं। उनको विश्व स्तर पर शिल्पकाला को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। उनको बीदरी में कई नए पैटर्न और डिज़ाइन पेश करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा उन्हें पद्म श्री 2023 के द्वारा सम्मानित किया गया।
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने गणतंत्र दिवस पर 106 पद्म पुरस्कार देने का वादा किया था। इसलिए उन्होंने पहले 53 पद्म पदम पुरस्कार आवंटित कर दिए हैं।
इनमें 5 पद्म भूषण, 3 पद्म विभूषण, और 45 पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित देखा समारोह में एयर पुरस्कारों को दिया गया है। प्रत्येक क्षेत्र में एक विशेष महत्व रखने वाले व्यक्ति को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।
इस समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और ओम बिरला भी शामिल हुए थे। इनमें मरणोपरांत मुलायम सिंह यादव को पुरस्कार दिया गया, जिनका पुरस्कार उनके बेटे अखिलेश यादव ने ग्रहण किया।
मुलायम सिंह यादव:
आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव एक प्रमुख राजनेता थे। इसके अलावा मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और इसके अलावा उन्हें केंद्रीय मंत्रालय में रक्षा मंत्री के पद पर कार्य करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।
पुरस्कार प्राप्त करने वालों की इस श्रेणी में बॉलीवुड अभिनेता रवीना टंडन भी शामिल है।
पद्म पुरस्कार 2023:
हेमप्रभा सुतीया को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।
डॉ. दिलीप महलनाबिस को चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण 2023 से सम्मानित किया गया।
सुधा मूर्ती सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
चिन्ना जीयर स्वामीजी को अध्यात्म के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।
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डॉ सुकमा आचार्या को अध्यात्म के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
‘नाटू नाटू’ गाने की रचना करने वाले संगीतकार एम.एम. कीरावनी को भी पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।
प्रेमजीत बारीया को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
हेमंत चौहान को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
सुभद्रा देवी को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
डॉ. खादर वल्लि दूदेकुला को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
डॉ. मुनीश्वर चंद्र डावर को चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
प्रो. सी.आई. ऐसक को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
डॉ. राधाचरण गुप्त को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
पी. कल्याणसुंदरम को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
मरकतमणि कीरवनाणि को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
प्रो. नागप्पा गणेश कृष्णराजनगर को विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
आरिज़ खंबाटा को व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
डॉ. परशुराम कोमाजी खुणे को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
डोमर सिंह कुंवर को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
आनंद कुमार को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
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