भारतीय सेना के जवान सात परत वाला हिमवीर सूट पहनने के बाद बर्फीले स्थानों पर सुरक्षित महसूस करेंगे। बर्फीले स्थानों पर 21 हिमवीर सूट परीक्षण के लिए भारतीय सेना को दे दिए गए हैं।
सियाचिन ग्लेशियर जैसे कंपकंपा देने वाले ठंडे इलाकों में भारतीय जवान और भी मुस्तैदी से देश की सुरक्षा कर पाएंगे। उनके लिए शीत लहर प्राण घातक साबित नहीं हो पाएगी। इसके लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए, हिमवीर सूट डिजाइन किया है।
21 हिमवीर (एक्सट्रीम कोल्ड वेदर क्लोदिंग सिस्टम) सेना के जवानों को परीक्षण के लिए दे दिए गए हैं।
शून्य से माइनस 50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी ओसीएफ का हिमवीर सूट पहन कर सरहद पर हमारे भारतीय सेना के जवान आरामदायक महसूस कर पाएंगे।
कंपनी के सीएमडी एसके सिन्हा और मुख्यालय के अफसरों के निर्देशन में आयुध वस्त्र निर्माणी (ओसीएफ), शाहजहांपुर के द्वारा सात परत वाले इस शिविर सूट को तैयार किया गया है और इसे भारतीय जवानों के लिए कारगर भी बताया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय सेना के पास फिलहाल 3 लेयर वाला ही हिमवीर सूट उपलब्ध है।
लेकिन अब कंपनी पीसीएल के द्वारा 7 लेयर वाला हिमवीर सूट तैयार कर लिया गया है और इसे 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली सर्द हवाओं को झेलने के लिए कारगर बताया गया है।
हिमवीर सूट की विशेषताएं-
- शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान झेलने की क्षमता।
- सूट में नायलोन व पालीएस्टर फ्रैब्रिक के मिश्रण का किया गया है प्रयोग।
- 18 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले बर्फीले क्षेत्रों में फौजी पहन सकेंगे यह हिमवीर सूट।अलग तापमान में होगि अलग-अलग पर्त का प्रयोग।
- एक, दो और तीन लेवल तक के हिमवीर सूट को शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहना जा सकता है। तीन लेवल तक की ड्रेस में हल्का, मध्यम टी-शर्ट और लेवल चार में बर्फीली हवा रोकने वाले पवन जैकेट शामिल हैं। लेवल पांच, छह और सात के हिमवीर सूट को शून्य से माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में पहना जा सकेगा।
एक, दो और तीन लेवल तक के हिमवीर सूट को शून्य डिग्री सेल्सियस तक पहना जा सकता है। तीन लेवल तक की ड्रेस में हल्का, मध्यम टी-शर्ट और लेवल चार में बर्फीली हवा रोकने वाले पवन जैकेट शामिल हैं। लेवल पांच, छह और सात के हिमवीर सूट को शून्य से माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में पहना जा सकेगा।
आपको जानकर हैरानी होगी कि दिसंबर और जनवरी के बीच में सियाचिन का तापमान माइनस 50 डिग्री तक चला जाता है और यहां लगभग 20 फुट तक बर्फबारी प्रत्येक वर्ष औसतन देखने को मिलती है। 18 से 21000 फुट की ऊंचाई पर देश की रक्षा में खड़े जवानों के लिए यह एक विशेष सौगात होगी।
मई और जून जैसे गर्म महीनों में भी यहां का तापमान माइनस 2 डिग्री से माइनस 10 डिग्री तक रहता है। लेकिन सर्दियों में यहां पर रहना भी दूभर हो जाता है।
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अमेरिका पर घटेगी निर्भरता-
भारतीय सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस हिमवीर सूट को तैयार करवाया है। इस सूट के बनने से पहले भारतीय सेना अमेरिका के 3 लेयर वाले सूट के ऊपर निर्भर रहती थी। लेकिन अब भारतीय सेना कोई यह सूट जल्द ही मिलने जा रहा है और यह अपने परीक्षण के अंतिम दौर से गुजर रहा है। ऐसे में अमेरिका के ऊपर भारत की निर्भरता घटेगी और भारतीय सेना की ताकत भी बढ़ जाएगी।
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धन्यवाद।
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